जोधपुर. सेन्ट्रल जेल में भी शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सभी बंदियों ने आसन लगाकर योग किए। इन बंदियों में सबसे आगे योग करते हुए मरते दम तक कारावास की सजा भुगत रहा आसाराम भी शामिल था। गत वर्ष अप्रेल में आसाराम को नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न के एक मामले में सजा सुनाए जाने के पश्चात यह पहला अवसर था जब आसाराम नजर आया।
जेल में सभी बंदियों के लिए विशेष योग सत्र आयोजित किया गया. बंदियों ने एक कतार में बैठ योग क्रियाएं की। इन बंदियों में सबसे आगे आसाराम नजर आया। एकदम स्वस्थ नजर आ रहा आसाराम स्वयं योग का अच्छा जानकार है। वह स्वयं जेल में रोजाना योग करता है। जेल से कोर्ट लाए जाने के दौरान वह कई बार योग के महत्व पर बोल चुका था। आसाराम को गत वर्ष 25 अप्रेल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद आसाराम किसी को नजर नहीं आया। इससे पहले वह रोजाना कोर्ट लाए जाने के दौरान नजर आ जाता था। इस दौरान देशभर से बड़ी संख्या में उसके प्रशंसक मिलने के लिए आते थे।
आसाराम के आश्रम में पढ़ने वाली एक छात्रा ने आरोप लगाया था कि 15 अगस्त 2013 को जोधपुर के निकट मणाई गांव में स्थित अपने आश्रम में आसाराम ने उसका यौन उत्पीड़न किया। इसके बाद आसाराम को इन्दौर से गिरफ्तार कर जोधपुर लाया गया था। इसके बाद से वह लगातार जोधपुर जेल में बंद रहा। इस दौरान उसने करीब एक दर्जन बार विभिन्न कोर्ट के माध्यम से जमानत हासिल करने का प्रयास किया लेकिन विफल रहा। सजा मिलने के पश्चात इस वर्ष के शुरू मे आसाराम ने पैरोल हासिल करने की कोशिश की, लेकिन उसके आवेदन को जिला पैरोल कमेटी ने खारिज कर दिया।