रिजर्व बैंक ने हाल ही में बैंकाें के फंसे कर्ज के समाधान के लिए संशोधित सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अब किसी कर्जधारक को लोन की अदायगी में एक दिन की चूक होने पर एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा। इसके लिए बैंकों को 30 दिन के अंदर कर्जधारक की समीक्षा करनी होगी। ये नियम 5 करोड़ या इससे अधिक के लोन पर लागू होगा। कॉरपोरेट को यह फायदा होगा कि उन्हें 30 दिन का समय मिल जाएगा। बैंक को भी प्रॉविजनिंग का समय मिल जाएगा, जिससे उनके कैश में तुरंत कमी नहीं आएगी और उनकी बैलेंस शीट में भी नुकसान कम दिखेगा। भारत में एनपीए तेजी से बढ़ रहे हैं और इसकी वजह से बैंकों को काफी नुकसान हो रहा है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है एनपीए?...