पीड़ित परिजन बनारसी यादव ने बताया कि जन्म के बाद बच्चे की हालत ठीक नहीं थी, लेकिन जिंदा था. उसे इंजेक्शन भी लगाया गया. इसके बाद उसे ऑक्सीजन लगाने की जरुरत पड़ी, लेकिन प्रसव वार्ड में लगा ऑक्सीजन का सिलेंडर नहीं खुला. इसके बाद बच्चे को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया.