वहीं ज्ञानेश्वरी की सास चंपा बाई ने कहा कि उन्होंने हमेशा बहु को अपनी बेटी माना. बेटे की मौत के बाद उसे प्यार दुलार देने में कोई कमी नहीं की. विधवा की जिंदगी क्या होती है 'इसका दर्द मैं 15 सालों से झेल रही हूं.' बहू की कोई संतान भी नहीं थी, जिसके सहारे वो अपना जीवन गुजारती.