लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी में पार्टी का दौर है तो हारी हुई पार्टियों के नेताओं के यहां सन्नाटा गूंज रहा है. इस बार मोदी लहर में राजा-महाराजा, संत्री-मंत्री, मंत्री पुत्र – नेता पुत्र नाते-रिश्तेदार सब बह गए. साल 2014 को आई मोदी-लहर जब 5 साल बाद लौटी तो इसके कहर में एक-एक विरोधी दल की जो दुर्गति हुई उसका अंदाजा किसी को नहीं था. इस बार पहली दफे बहुत कुछ ऐसा हुआ जो चुनाव में पहले कभी नहीं हुआ. आइए सुनते हैं कि जो हुआ जो हुआ लेकिन वो पहली दफे हुआ और ऐसा क्यों हुआ?