चारों युगों में जिस बदरीनाथ धाम की महत्ता का वर्णन किया गया वहां भगवान विष्णु ने नर और नारायण रूप में तप किया था क्योंकि बदरीनाथ में एक दिन की तपस्या का फल एक हज़ार साल की तपस्या के समान माना जाता है. दुर्द्धम्भ राक्षस के वध के लिए भगवान ने यहां 100 दिन तक तपस्या की थी.