उत्तराखंड की शायरा बानो ने तीन तलाक के खिलाफ जो आवाज़ बुलंद की, अब उसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है । शायरा बानो की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक माना । सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार भी हरकत में आई । तीन तलाक के खिलाफ नया बिल तैयार किया गया, जिस पर इस वक्त भी संसद में चर्चा जारी है.
लोकसभा में तीन तलाक के खिलाफ बिल पेश करते समय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रामपुर की एक महिला का ज़िक्र किया । इस महिला को उसके पति ने सिर्फ इसलिए तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया, क्योंकि महिला की नींद थोड़ी देर से खुली । रविशंकर प्रसाद ने बताया कि ऐसी महिलाओं को उत्पीड़न से बचाने और उनको बराबरी का संवैधानिक हक दिलाने के लिए ही सरकार कानून बना रही है । रविशंकर प्रसाद को ये जवाब इसलिए देना पड़ा, क्योंकि लोकसभा में बिल पेश होने से पहले ही असदुद्दीन ओवैसी समेत कई सांसद इसे असंवैधानिक बताने लगे.
ओवैसी के अलावा बीजू जनता दल, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और आरजेडी ने भी तीन तलाक के खिलाफ बिल का विरोध किया । सबकी दलील यही थी कि जब तीन तलाक अवैध घोषित हो चुका है, तो फिर इसे अपराध बताने का कानून क्यों ? सवाल ये भी उठाया जा रहा है कि अगर नए कानून के बाद तलाक देने वाला आदमी जेल चला जाएगा, तब उसकी पत्नी और बच्चों की परवरिश कौन करेगा ? हालांकि तीन तलाक का कानून पास होने में कोई दिक्कत पेश आने के आसार नहीं हैं, क्योंकि कांग्रेस भी मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से बचाने के लिए कानून के पक्ष में है.
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