16 साल की उम्र में भारतीय सेना के लिए विध्वंसकारी विस्फोटक खोजकर नष्ट
करने के लिए मानव रहित ड्रोन विकसित तथा सेना को समर्पित कर दिया! हर्षवर्धन ने कर दी पाकिस्तान की हवा टाइट।
टेलेंट किसी डिग्री का मोहताज नही होता, सरकार ने हर्षवर्धन से 5 करोड़ रुपये का समझौता किया है। हर्षवर्धन ने ऐसा ड्रोन बनाया जो लेंड माईन को या बम को डिफ्यूज कर देता है। आज विदेश कि कई कंपनियों ने हर्षवर्धन को करोड़ों रुपये ऑफर कर दिये, पर इस छोटे से साइंटिस्ट ने अपने देश की सेवा में अपना योगदान दिया। इस छोटे इंजीनियर को हमारा सलाम। और बहुत बहुत बधाई।