पीपल के पेड़ का भारतीय संस्कृति में क्या महत्त्व है ? | ARTHA
पीपल के पेड़ को भारत में एक महत्वपूर्ण पेड़ माना जाता है, धार्मिकता के दृष्टी से पीपल के पेड़ का क्या महत्त्व है ? जानने के लिए देखिए यह विडियो
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१ पीपल के पेड़ को सर्प्रथम भारत में मोहनजोदड़ो के मुहर पर दर्शाया हुआ पाया गया, जो की सिंधु घाटी की सभ्यता का सबसे पुराना शहर है
२ समयनुसार पीपल के पेड़ को सामाजिक एवं धार्मिक दृश्टिकोण से पवित्र माना जाने लगा
३ पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है
४ हिन्दू पुराणों के अनुसार, भगवान शिव की पत्नी, देवी पार्वती द्वारा भगवान विष्णु को श्राप दिए जाने के बाद, वह पीपल के पेड़ में बदल गए
५ पीपल के पेड़ को, प्रथानुसार, माता लक्ष्मी का निवास स्थान भी माना जाता है । इसमें पृथ्वि एवं स्वर्ग के बीच संपर्क करने की क्षमताएँ भी है
६ ऐसा माना जाता है की, सभी देवी देवताए इस पेड़ के निचे उनकी सभा (परिषद ) का आयोजन करते हैं, इसलिए पीपल के पेड़ को आध्यात्मिक रूप से देखा जाता है।
७ पीपल वही पेड़ है जहाँ माता सीता ने आश्रय लीया था । इस पेड़ पर बैठकर, भगवान हनुमान ने माता सीता के साथ हो रहे सभी दुखों को देखा था । इसलिए भगवान हनुमान के हृदय में, पीपल के पेड़ के प्रति एक ख़ास स्थान है ।
८ भगवान बुद्ध ने पीपल के पेड़ के निचे ध्यानमग्न हो कर असीम शांति और ज्ञान की प्राप्ति की थी, इसलिए यह पेड़ बुद्ध धर्म वालों के लिए धार्मिक है
९ तीर्थंकार अनंतनाथ के साथ अपने सहयोग के लिए पीपल के पेड़ की जैन धर्म में पूजा की जाती है
१० 'वृक्ष आयुर्वेद' में इस पवित्र पेड़ के वृक्षारोपण के लिए, दिए विशेष निर्देश के अनुसार, पीपल के पेड़ को घर के पश्चिमी दिशा में लगाया जाना चाहिए।
११ खासतौर पर पीपल के पेड़ की पूजा कार्तिक महीने की जाती है ।
१२ इस पवित्र पेड़ की लकड़ी को कभी भी ईंधन के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाता, ऐसा करने से भगवान कोपित होते हैं, पर अंतिम संस्कार जैसी विधियों में हम इसे इस्तेमाल कर सकते हैं
१३ स्त्रियां संतान सुख, या मनचाहे पति की प्राप्ति और उनकी दीर्घआयु के लिए पीपल के पेड़ की परिक्रमा करती हैं
१४ हिन्दू धर्म में माना जाता है कि, पवित्र जग़ह या सड़कों के किनारे पीपल का पेड़ या कोई अन्य पवित्र पेड़ लगाने से, पुण्य क?