'ढूंढ लो कोई बहाना मुस्कुराने के लिए' (Dhundh Lo Koi Bahana Muskurane Ke Liye) - By Dipak Kr. Singh

2019-01-24 21

ये ज़िन्दगी होती नहीं यूँ रो-रो कर बिताने के लिए ।ढूंढ लो कोई बहाना मुस्कुराने के लिए । 
अगर डूबना होगा, तो किनारे भी डुबो देंगे । 
वर्ना सागर में टापू भी होते हैं बचाने के लिए । 
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Ye zindagi hoti nahi yoon ro-ro kar bitane
ke liye.
Dhundh lo koi bahana muskurane ke liye.
Agar dubna hoga, to kinare bhi dubo denge.
Warna sagar mein tapu bhi hote hain bachane ke liye.

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