सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर पर अटूट आस्था के चलते हर साल बड़ी संख्या में भक्त कालीमठ पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि राक्षसों के आतंक का सामना करते हुए देवी ने काली रूप धारण कर शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज का वध किया। जबकि इसके बाद देवी कालीशिला में 12 वर्ष की बालिका के रूप में प्रकट हुई।
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