मां के छठे स्वरूप को कहते हैं मां कात्यायनी। कहते हैं इनकी अराधना से भय, रोगों से मुक्ति और सभी समस्याओं का समाधान होता है। शास्त्रों के अनुसार कात्यान ऋषि के घर पर जन्म लेने के कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ गया।दिव्य रूपा कात्यायनी देवी का रूप सोने के समान चमकीला है। चार भुजा धारी मां कात्यायनी शेर पर सवार है। एक हाथ में कमल और दूसरे में तलवार है और अन्य दो हाथों में वरमुद्रा और अभयमुद्रा है।
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