IPC 497: Supreme Court decriminalises adultery
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज 158 साल पुराने एडल्टरी कानून को खत्म कर दिया। आईपीसी की धारा 497 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर अगस्त में सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। फैसला पढ़ते वक्त चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि पति पत्नी का मालिक नहीं है। महिला की गरिमा सबसे ऊपर है और उसका अपमान नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धारा 497 महिला और पुरुष में भेदभाव दर्शाता है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि आईपीसी की धारा 497 असंवैधानिक है। पांच जजों की बेंच से एडल्टरी को अपराध नहीं माना और व्यभिचार को लेकर धारा 497 को खारिज कर दिया।