आज का सवाल बंद को लेकर । सवाल ये नहीं कि किसका बंद, क्यों बंद । सवाल सिर्फ बंद को लेकर । जिससे हम-आप सब परेशान हो चुके हैं । राजनीतिक पार्टियों के हाथों का मोहरा बने हुए हैं । कठपुतली की तरह सड़क पर उतरते हैं, किसी के बच्चे की मौत की वजह बनते हैं| ट्रेनों पर पत्थर बरसाते हैं, राहगीर का सर फोड़ डालते हैं, रिक्शा वाले, ऑटो वाले को पीटते हैं । मतलब बंद के नाम पर सरेआम गुंडागर्दी है । ठीक है पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं, हम भी परेशान हैं। हर कोई परेशान है । लेकिन क्या इस परेशानी का और कोई हल नहीं । क्या एकमात्र उपाय बंद ही है । मैं कुछ तस्वीरें आपके सामने रखना चाहता हूं| 21 पार्टियों का बंद था । 21 में 21 पार्टियों ने ये नहीं कहा था कि जबरन बंद कराना है । लेकिन सुबह होते गुंडागर्दी शुरू हो गई । पटना में कार में तोड़फोड़ की गई, तो डाकबंगला चौराहे पर एंबुलेंस को रोका गया। सड़क पर टायर में आग लगाकर प्रदर्शन किया गया जिससे लोग परेशान हुए। बिहार के कई इलाकों में ट्रेन रोकी गई। मध्य प्रदेश के उज्जैन में पेट्रोल पंप के कर्मचारियों से मारपीट की गई। जबलपुर में बाइक में आग लगा दी गई। गुजरात के भरुच में हाईवे को बंद कर दिया गया। तो बेंगलुरु में बस पर हमला किया गया|