माँ महागौरी Navratri Day 8 Maa Maha Gauri

2018-09-01 2

दुर्गा का आठवां स्वरूप माँ महागौरी NAVRATRI DAY 8 MAA MAHA GAURI
Navratri Day 8 Maa Maha Gauri दुर्गा का आठवां स्वरूप माँ गौरी को कहा गया है। दुर्गापूजा के आठवें दिन माँ महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी होती है।
माँ महागौरी उपासना से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं। Navratri Day 8 Maa Maha Gauri इसके साथ ही पूर्वसंचित पाप भी विनष्ट हो जाते हैं। भविष्य में पाप-संताप, दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं जाते। वह सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है।

माँ महागौरी का स्वरूप, अधिक गोरा होने के कारण इन्हें महागौरी कहा जाता है। महागौरी की आराधना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं।
माँ महागौरी की आराधना से समस्त पापों का नाश होता है, सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और हर मनोकामना पूर्ण होती है। कहते हैं कि आज के दिन ही राजा रामचन्द्र जी ने लंका चढ़ाई से पहले माँ महागौरी की पूजा की थी। माता महागौरी नें इन्हें विजयी होने का वरदान दिया था। महाष्टमी को माता महागौरी की पूजा होती है। इससे सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है।

माँ महागौरी की पूजा की विधि
पंडित एन एम श्रीमाली के अनुसार अष्टमी के दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए देवी माँ को चुनरी भेंट करती हैं। सबसे पहले लकड़ी की चोकी पर या मंदिर में महागौरी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद चोकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर महागौरी यंत्र रखें और यंत्र की स्थापना करें। माँ सौंदर्य प्रदान करने वाली हैं। हाथ में श्वेत पुष्प लेकर माँ का ध्यान करें।
अष्टमी के दिन कन्या पूजन करना श्रेष्ठ माना जाता है। Navratri Day 8 Maa Maha Gauri कन्याओं की संख्या 9 होनी चाहिए नहीं तो 2 कन्याओं की पूजा करें। कन्याओं की आयु 2 साल से ऊपर और 10 साल से अधिक न हो। भोजन कराने के बाद कन्याओं को दक्षिणा देनी चाहिए।

कुडंली दोष होते हैं दूर
नवरात्रि पर माँ महागौरी की उपासना करने से कुंडली में विवाह संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और मनवांछित वर की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही शीघ्र विवाह होता है।

सुशील वर की प्राप्ति के लिए करें इस मंत्र का जाप
पंडित निधि श्रीमाली के अनुसार Navratri Day 8 Maa Maha Gauri नवरात्रि के अष्टमी को सुबह स्नानदि कार्यों से निवृत होकर कुवांरी कन्याएं माँ गौरी के ” या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमरू। “। मंत्र का जाप करें। इससे सुंदर व सुशील वर की प्राप्ति होती है। कन्याएं माँ गौरी के मंदिर में जाकर पहले जल व फूल अर्पित करें। उसके बाद इस मंत्र का 3 बार जाप करें तो उन्हें शीघ्र अच्छे वर की प्राप्ति होगी।

बीमारियों से मिलेगी मुक्ति
माँ महागौरी की पूजा से मधुमेह और आंखों की हर समस्या से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही हर तरह बाधाएं दूर होती हैं।
सभी मनोकामनाएं होगी पूर्ण
अष्टमी के दिन माँ को नारियल का भोग लगाएं। इस दिन नारियल को सिर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।


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