चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद मोक्ष काल मे खुले मन्दिरों के पट, श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

2018-07-28 195

Devotees in Varanasi take holy dip in Ganga river after

वाराणसी। सदी के सबसे लंबे चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद धर्म नगरी काशी में आस्था का जनसलाब देखने को मिला है। लोगों पूरी रात ग्रहण काल में गंगा नदी के तट पर बैठकर भजन कीर्तन करते रहे। शनिवार की सुबह 3.47 मिनट पर ग्रहण खत्म होने के बाद मां गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बने। इसी के साथ दोपहर में सूतक काल के दौरान बंद हुए मंदिरों के कपाट भी करीब 13 से 14 घंटे बाद भक्तों के लिए खोले गए और मंदिरों में साफ सफाई के बाद दर्शन पूजन का क्रम शुरू हो गया।


शनिवार को काशी में आस्था की भीड़ देखने को मिली। भक्तों ने गंगा स्नान करने के बाद सूर्य भगवान को जल अर्पित किया। उसके बाद दान-पुण्य कर काशी के देवालयों में शीश नवाया। बता दें कि चन्द्र ग्रहण के कारण काशी विश्वनाथ की मंगला आरती अपने निर्धारित समय से एक घण्टे देरी 4.30 बजे से 5.30 बजे तक हुई। उसके बाद भक्तों के दर्शन हेतु कपाट खोल दिया गया। ग्रहण स्नान-दान करने के बाद सड़क से ही कतारबद्ध भक्त बाबा दरबार पहुंचे। काशी विश्वनाथ को जल, माला, फूल प्रसाद अर्पित किया। इस दौरान हर-हर महादेव के नारे से पूरा मन्दिर प्रांगण गुंजायमान रहा।

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