शहर के भीड़भाड़ भरे उर्दू बाजार में घंटाघर की मौजूदगी पंडित रामप्रसाद बिस्मिल की उस अंतिम यात्रा की याद दिलाती है https://www.livehindustan.com/uttar-pradesh/gorakhpur/story-wastage-at-ghantaghar-the-place-of-revolutionaries-in-gorakhpur-2077709.html