जिक्र उन बारातों का होगा जो जब निकलती हैं तो इलाका थर्रा जाता है। वो बारातें जब लड़की के घर पहुंचती हैं तो माहौल गरमा जाता है, क्योंकि दूल्हा और बाराती सब के सब बंदूकबाज होते हैं। उन्हें गोलिय़ां चलाने का जुनून होता है, और हाथ में होते हैं ए के सैंतालिस जैसे हथियार। कैसे निकलती हैं पाकिस्तान की बदूकबाज़ बारात आइये देखते हैं। पाकिस्तान में बाराती तो बाराती. दूल्हे भी फायरिंग में पीछे नहीं रहते..दुल्हन जब मिलेगी तब मिलेगी. लेकिन दूल्हे पहले गोलाबारी की रस्म निभाते हैं. और इसी गोलीबारी से दूल्हे की हैसियत का पता चलता है..इसलिए बारात में खाने पीने के लाले भले ही पड़ जायें. लेकिन गोलियों कभी कम नहीं पड़ती.