मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने कमर कस ली है...उसने अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में उसने 12 समितियों का गठन किया है...जिसमें कई वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन ये समितियां विवादों में घिर गई हैं क्योंकि इनमें कई वरिष्ठ नेताओं को शामिल नहीं किया गया है...इनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का नाम शामिल है...जिन्हें किसी समिति में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है...समन्वय समिति की जिम्मेदारी नरोत्तम मिश्रा को दी गई है..वहीं चुनाव घोषणा पत्र समिति का संयोजक विक्रम वर्मा को बनाया गया है...जबकि सीएम की जनआर्शीवाद यात्रा समिति का प्रभारी प्रभात झा को बनाया गया है..हैरानी की बात है कि कैलाश विजयवर्गीय को भी कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी गई है. हालांकि प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने दिग्गजों को जिम्मेदारी ना दिए जाने के इस फैसले का बचाव किया है.