अब बात पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के उस फैसले की जिससे कांग्रेस में खलबली मच गई है। धुर कांग्रेसी रहे प्रणब मुखर्जी नागपुर में आरएसएस के मुख्यालय जाने वाले हैं। प्रणब मुखर्जी को 7 जून को नागपुर में स्वंयसेवकों के विदाई संबोधन के लिए न्योता दिया गया था। प्रणब ने आरएसएस के इसे न्योते को मंजूर कर लिया है। प्रणब इस मौके पर 45 साल से कम उम्र के करीब 800 स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे। संघ के तृतीय वर्ष ओटीसी यानी ऑफिसर्स ट्रेनिंग कैंप में शामिल हो रहे स्वंयसेवकों के बीच भाषण देंगे। संघ का कहना है कि जब प्रणब राष्ट्रपति थे तब उनसे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मिले थे। भागवत से प्रणब ने आरएसएस के बारे में और अधिक जानने की इच्छा जाहिर की थी। जिसके बाद उन्हें नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया।