Fishes dying in Ganga due to polluted water
कन्नौज। गंगा में मछलियां मरने के कारणों की जांच करने के लिए जिला प्रशासन सक्रिय हो गया। खुद डीएम रवींद्र कुमार ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों के साथ मौके पर पहुंचकर हकीकत देखी। कानपुर व देहरादून से विशेषज्ञों की टीमें भी बुलाई गई। टीमों ने करीब एक घंटे तक गंगातटों से लेकर बीच तक नाव से घूमकर जायजा लिया। इसमें प्रथम दृष्टया बायोलॉजिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी) बढ़ने और घुलित आक्सीजन (डीओ) घटने से स्थिति बिगड़ने की बात सामने आई।
एक-एक पहलू पर डाली गई नजर
कानपुर व देहरादून से विशेषज्ञों की टीमों के निरीक्षण के दौरान काली व गर्रा नदी के जहरीले पानी की वजह से हालात खतरनाक दिखे। भारतीय वन्य जीव संरक्षण संस्थान देहरादून व उप्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमों में शामिल वैज्ञानिकों ने एक-एक पहलू पर नजर डाली। निरीक्षण के दौरान पता चला कि फर्रुखाबाद के पास रामगंगा, काली व गर्रा नदी की वजह से गंगा में प्रदूषण होने की बात प्रथम दृष्टया सामने आई। यहां के पानी के नमूने लेकर परीक्षण के लिए भेजे जाएंगे, इससे सच्चाई पता चलेगी।