से ही मैंने कुरआन को ठीक से पढ़ा और समझा, मैंने इस्लाम हमेशा के लिए छोड़ दिया
आतंकवाद, जिहाद, मजहबी कट्टरपंथ के खिलाफ बोलने पर कनाडा में रहने वाली सऊदी मूल की महिला घाड़ा को आजकल कट्टरपंथी खूब धमकियाँ दे रहे है, पर घाड़ा इन कट्टरपंथियों की धमकियों से बिलकुल भी नहीं डर रही हैं और वो अपनी बातों को पुरजोर तरीके से कह रही है
घाड़ा सऊदी मूल की महिला हैं, वो पहले मुस्लिम थी बाद में उन्होंने सऊदी अरब और इस्लाम दोनों छोड़ दिया, इस्लाम छोड़ने के आबाद आप सऊदी अरब में जिन्दा नहीं रह सकते, इसलिए घाड़ा को इस्लाम छोड़ने से पहले पहले सऊदी अरब छोड़ना पड़ा, उनका कहना है की इस्लाम छोड़ने के बाद आप सऊदी में जीवित नहीं रह सकते, वो अब कनाडा में है और सुरक्षित जीवन व्यतीत कर रही है
घाड़ा ने ये भी बताया की उन्होंने आखिर इस्लाम छोड़ा क्यों, इस बात का जवाब देते हुए घाड़ा ने कई बातें बताई, बताया की इस्लाम छोड़ने के पीछे क्या कारण था, और उन्होंने क्यों इस्लाम को छोड़ा, आप खुद ही देखिये और सुनिए घाड़ा की बात
घाड़ा ने बताया की उनका जन्म मुस्लिम घर में हुआ था, वो सऊदी की रहने वाली थी, उनको बचपन से ही कुरआन पढ़ाया जाता था, वो ऊपर ऊपर से कुरआन को समझती थी, पर एक बार उन्होंने निश्चय किया की वो बहुत ही धार्मिक बनेंगी और इसी कारण उन्होंने कुरआन को ठीक से समझकर पढ़ना शुरू किया
घाड़ा ने बताया की जब वो कुरान के उस चैप्टर तक पहुंची जहाँ पर महिलाओं के बारे में लिखा था, तो वो कई चीजों को पढ़ने के बाद समझकर चौंक गयी और इसी के बाद उन्होंने इस्लाम छोड़ने का फैसला ले लिया
घाड़ा ने बताया की महिलाओं के लिए और पुरुषों के लिए कुरान अलग अलग बातें कहता है, कोई पुरुष अपनी पत्नी को पीट सकता है, ये कुरआन में जायज बताया गया है, पर पुरुष कुछ गलत करे तो उसे ऐसी कोई सजा नहीं है, घाड़ा ने ये भी बताया की महिलाओं पर बचपन से ही हिजाब/बुरखा थोप दिया जाता है, वो खेल नहीं सकती, स्विमिंग नहीं कर सकती, इसी तरह के प्रतिबन्ध उन्होंने भी बचपन में देखे
घाड़ा ने ये भी बताया की जब उन्होंने अपनी माँ से इस भेदभाव के बारे में पूछा तो उनकी माँ ने भी साथ नहीं दिया और कहा की जो है सही है जायज है, घाड़ा ने बताया की मैं जितना पढ़ती गयी और ठीक से समझती गयी मैं बहुत दुखी होती गयी, जीवन अंधकारमय लगता गया और इसी कारण मैंने इस्लाम और सऊदी अरब दोनों को छोड़ दिया और तब से कनाडा में ही रह रही हूँ