nimish having at least three degree unable to get job opens chat corner
हरदोई के पिहानी में दो दिन से कस्बे के बंदर पार्क के निकट चाट का ठेला लगा रहे निमिष गुप्ता ने कठिन परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त की है। उसके पिता मजदूरी करते हैं और मां पिहानी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। निमिष ने बताया कि चाट पकौड़े का ठेला उसने किसी के सुझाव पर नहीं लगाया। लगातार सात वर्षों तक नौकरी का इंतजार करने के बाद मायूस होकर उसने ये कदम उठाया। उसके मां-बाप ने उसके लिए सपने देखे थे। वह भी पढ़ लिखकर उनका सहारा बनना चाहता था, लेकिन सरकार की अनदेखी से खुद उन पर बोझ बनकर रह गया। यही एहसास उसे सोने नहीं देता था। उसने मेहनत से पढ़ाई की और किसी कक्षा में फेल नहीं हुआ। हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, बीएससी तथा बीएड के साथ उसने एमए और 2011 में टीईटी भी उत्तीर्ण की। इसके बावजूद उसे नौकरी नहीं मिली। अब चाट के ठेले से वह परिवार का बोझ कुछ तो कम कर पा रहा है।