प्रश्नकाल यानी वो सवाल जिसका पूछा जाना जरूरी है । आज सवाल ये कि कठुआ में 8 साल की मासूम बच्ची से रेप के मामले में अभी और कितना शर्मसार होना बाकी है... ये सवाल इसलिए क्योंकि पहले तो बच्ची का बलात्कार हिन्दू मुस्लिम की बहस में बदला.. फिर देश भर में हो रहे प्रदर्शनों में से कुछ में बच्ची के लिए इंसाफ़ की बजाए राजनीति भी दिखी... और अब सवाल ये उठने लगा है कि एक मासूम के दर्द और जख्मों को भी पैसा कमाने का ज़रिया बनाया जा रहा है... दरअसल, ये सवाल उस नए खुलासे से ख़डा हुआ है जिसमें एक ऑडियो स्टिंग सामने आया है । इस ऑडियो स्टिंग में दो लोगों के बीच की बातचीत है । जिसमें कठुआ गैंगरेप को लेकर 70 लाख रुपय की बात है । ये पैसे कठुआ गैंगरेप कैंपेन के दौरान पीड़ित के परिवार को मदद देने के नाम पर इकट्ठा किए गए... लेकिन आरोप है कि पैसे पीडित के परिवार तक कभी पहुंचे ही नहीं। न्याय की लड़ाई लड़नेवाले ही एक शख्स ने पैसे रख लिए... जो बच्ची के परिवार का रहनुमा था, आरोप है कि पैसे उसी की जेब में चले गए... इस ऑडियो स्टिंग को सुनिए जिसमें पैसे रखने वाले का नाम भी सामने आया है और आरोप लगानेवाले का भी.