3 महीने में 45 बार अलर्ट जारी किया गया था. बताया जा रहा है कि जिस कैंप के जवान हमले का शिकार बने उसके लिए अलर्ट जारी किया गया था लेकिन अलर्ट की अनदेखी की गई. जवानों को गाड़ी इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी गई थी लेकिन अलर्ट के बाद गाड़ी का इस्तेमाल हुआ जो IED की चपेट में आई.