भारतीय वास्तु शास्त्र के अनुसार दर्पण घर में सकारात्मक उर्जा को बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं । दर्पण के कुछ ऐसे भी फायदे हैं जिनसे आप अपने घर में धन, प्रसन्नत्ता तथा खुशियो को कई गुणा बढा सकते हो । दर्पण के द्वारा आप घर में फैली नकारात्मक उर्जा को दूर कर सकते हो एवम बिना तोड फोड किये वास्तु दोषो को भी दूर कर सकते हो ।

वास्तु शास्त्र में दर्पण को सबसे अच्छे उपचार उपकरण के रूप में जाना जाता है। इस उपकरण में अविभाजित भाग्य, धन और खुशी को आकर्षित करने की क्षमता होती है, यदि वास्तु शास्त्र के नियमों और विनियमों के अनुसार उपयोग किया जाता है हालांकि, यदि घर में दर्पण, वास्तु के नियमों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं, तो वे दुर्भाग्य, गरीबी और दुःख का कारण बन जाते हैं। वास्तु नियमों के नियमों के अनुसार दर्पण रखने से यह सुनिश्चित होता है कि आप सकारात्मक और प्रगतिशील ऊर्जा प्राप्त कर रहे हैं।

दर्पण लगाते समय इन 7 बातों का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है-
अंडाकार और गोलाकार दर्पणो को घर में लगाने से बचें।
मुख्य गेट के सामने दर्पण, ग्लास ऑब्जेक्ट या किसी चमकीली वस्तु को न लगाएं, ऐसा करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा घर से दूर हो जाती है।

अगर दर्पण ड्रेसिंग टेबल के साथ है तो सुनिश्चित करें कि सोते समय शरीर का कोई भी भाग को दर्पण में दिखाई न दें, अन्यथा आपको गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बच्चों के बेडरूम में दर्पण लटकाने से बचें, क्योंकि ऐसा करने से पढ़ाई में उनकी एकाग्रता कम हो सकती है।

बच्चों के बेडरूम की पश्चिम दीवार में दर्पण को लटकाने से बचें।
संकीर्ण मार्गों में दर्पण को लटकाने से बचें, क्योंकि वे नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
कभी एक दूसरे के सामने दर्पण न रखें क्योंकि यह अधीरता का कारण बनता है और अस्वस्थ ऊर्जा को बढ़ाता है।

आइना कहां लगाना चाहिए और कहां नहीं इस संबंध में विद्वानों और वास्तुशास्त्रियों द्वारा कई महत्वपूर्ण बिंदू बताए गए हैं। वास्तुशास्त्र में दर्पण को उत्प्रेरक बताया गया है, जिसके द्वारा भवन में तरंगित ऊर्जा की सृष्टि सुखद अहसास कराती है। इसके उचित उपयोग द्वारा हम अनेक लाभजनक उपलब्धियां अर्जित कर सकते हैं। कैसे, आइए जानें-

1- दर्पण सदैव उत्तर अथवा पूर्व दिशा की दीवार पर लगाना शुभदायक होते है।
2- भवन में नुकीले व् तेजधार वाले दर्पण नहीं लगाने चाहियें. ये हानिकारक होते है ।

3- यदि आपके घर के दरवाजे तक सीधी सड़क आने के कारण द्वार वेध हो रहा है और दरवाजा हटाना संभव नहीं है तो दरवाजे पर पाक्वा मिरर लगा दें। यह बेहद शक्तिशाली वास्तु प्रतीक है। अत: इसे लगाने में सावधानी रखना चाहिए।
4- आवासीय भवन अथवा व्यावसायिक भवन में ईशान (उत्तर-पूर्व) क्षेत्र ,उत्तर या पूर्व दीवाr में दर्पण लगाना चाहिए इसके लगाने से आय में वृद्धि होने लगती है. और व्यवसायिक सम्बन्धी बाधाए दूर होती है ।

5- आवासीय भवन अथवा व्यावसायिक भवन में दक्षिण, पश्चिम, आग्नेय, वायव्य एवं नैऋत्य दिशा में दीवारों पर लगे हुए दर्पण अशुभ होते है. यदि आपके यहां इस प्रकार के दर्पण लगे हुए है, तो उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए ।
6 – शयन कक्ष में यदि दर्पण लगाना है तो उत्तर या पूर्व की दीवार पर ही दर्पण लगाना चाहिए ।

7- दर्पण के संबंध में एक सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बेड रूम