एईएस रोग से पीडित बच्चों का शरीर हर सेकेंड घडी की सूई की तरह कांपता है। देखते-देखते बच्चा बेहोश हो जाता है। एईएस रोग को स्थानीय बोलचाल की भाषा में लोग चमकी रोग कहते हैं। मुजफ़फरपुर और इसके सीमावर्ती जिलों में हर साल गर्मी में इस रोग से बडी संख्या में बच्चों की मौत होती है।
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