सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम समाज में प्रचलित ट्रिपल तलाक और निकाह हलाला की परंपरा की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर ऐतिहासिक सुनवाई दूसरे दिन भी जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भले ही इस्लाम की विभिन्न विचारधाराओं में तीन तलाक को वैध बताया गया हो, लेकिन यह निकाह खत्म करने का सबसे बुरा और अवांछनीय तरीका है। वहीं मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर ने कहा कि ट्रिपल तलाक में कोई आपसी सहमति नहीं है।