ज्येष्ठ मास के बड़े मंगल को आखिरकार इन्द्र देवता की कृपा बारिश के रूप में बरस पड़ी। रात आंधी के बाद मंगलवार सुबह आसमान पर छाये बादलों ने बरसना शुरू किया तो तपिश से झुलसे चेहरों पर राहत की बहार आ गई।