आदिकाल में सती सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा के लिए यह व्रत रखा था। तब से ही यह सिलसिला चला आ रहा है। महिलाएं मानती हैं जिस तरह वट वृक्ष की आयु दीर्घ होती है, उसी तरह उनके पति की उम्र भी लम्बी हो। इसी लिए महिलाएं व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा करती हैं। गुरुवार की सुबह से ही कानपुर और आसपास सभी जिलों में वट वृक्षों में सुहागिनों का हुजूम है।
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