पहलवानी के यदि आप भी शौकीन हैं, तो देखिए यह विडियो पहलवानी के दांव-पेंच देख आपका दिल खुश हो जाएगा। बीते दिनों सरस्वती नाट्य कला मंदिर परिसर घोघा में तीन दिवसीय दंगल प्रतियोगिता का समापन के दिन पहलवानी के जबरदस्त दांव पेच देखने को मिले।
अंतिम दिन गुरुवार को भी मेरठ के निर्दोष पहलवान प्रथम विजेता बने। बसंत पंचमी के मौके पर आयोजित तीन दिनों के दंगल में निर्दोष ने हर रोज अपना परचम लहराया तथा तीनों दिनों के विजेता घोषित हुए। उन्हें विजेता सम्मान से नवाजा गया। अंतिम दिन दंगल के रोमांचक मुकाबले को देखने अप्रत्याशित भीड़ उमड़ी थी।
इस अखाड़े के प्रथम दिन 25 जोड़े, दूसरे दिन 42 जोड़े तथा तीसरे व अंतिम दिन 39 जोड़े पहलवानों ने दांव आजमाए। तीनों दिनों में कुल 106 जोड़े पहलवानों ने दांव आजमाए। तीसरे दिन के फाइनल राउंड में दूसरे स्थान पर पूर्वांचल के अरविंद पहलवान तथा तीसरे स्थान पर कोयली खुटहा के बाली पहलवान रहे। मेला प्रबंधन कमेटी की ओर से तीनों पहलवानों को पुरस्कृत किया गया।
मुख्य अतिथि के तौर पर एसडीपीओ रामानंद कुमार कौशल, डिप्टी मेयर राजेश वर्मा तथा कई गणमान्य लोग मौजूद थे। मेला प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष ब्रह्मेन्द्र नारायण दूबे उर्फ अक्कू दूबे ने बताया कि मेरठ के निर्दोष ने लगातार कई इनामी पहलवानों को शिकस्त देकर परचम लहराया और घोघा दंगल के सर्वमान्य विजेता बने। निर्णायक मंडल में पंकज दूबे, शत्रूघ्न यादव, भोला यादव तथा सुरेश दूबे थे। मेला समिति के सदस्य घनश्याम बाजोरिया, गजेन्द्र दूबे, अवध बिहारी दूबे, श्यामल बाजोरिया, रामदेव चौधरी आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिये घोघा पुलिस और कमेटी के वॉलन्टियर लगे रहे।