मकर संक्रांति पर पहली बार बाबा विश्वनाथ को खिचड़ी का भोग लगा। काशीपुराधिपति को 108 किलो खिचड़ी का भोग लगाया गया। भोग आरती के बाद भक्तों में प्रसाद का वितरण हुआ।