श्राद्ध पक्ष खत्म होने को है। अंतिम दिन अमावस्या तिथि है। इस तिथि को सर्व पितृ श्राद्ध का दिन भी कहा जाता है। यानि ऐसे पितृ जिनके मरने की तिथि अज्ञात है या वह सालों से लापता हैं और उनके जिंदा होने की कोई उम्मीद भी नहीं है। ऐसे पितरों को श्राद्ध पक्ष के आखिरी दिन तर्पण दिया जाता है। बहुत अधिक व्यस्तता के कारण जो लोग श्राद्ध नहीं कर पाए हों वह भी इस दिन अपने पूर्वजों को याद कर सकते हैं।
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