प्रकृति की गोद में बसा झारखंड का महान तीर्थ स्थल रजरप्पा एक जागृत सिद्धपीठ है। यह तंत्र साधना के लिए विख्यात है। यहां मां छिन्नमस्तिका(प्रचंड चंडिका) देवी की प्रतिमा प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को खींच लाती है और वात्सल्य रस का अमृत पान कराती है। यहां देवी दर्शन, पूजा-अर्चना और पर्यटक पर्यटन के लिए दूरदराज से आते हैं।
मां छिन्नमस्ता देवी के प्रादुर्भाव के संबंध में कहा जाता है कि महाशक्ति की दस महाविद्याएं क्रमश: काली, तारा , षोड्शी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, भैरवी, धूमावति, बगलामुख, मांतंगी और कमला है।
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