1-गुरुगांव देवी मंदिर
पुजारी अंकित प्रजापति के मुताबिक यह मंदिर गुरु द्रोणाचार्य ने स्थापित किया था। मंदिर की अास्था लोगों में काफी है। नवरात्र के समय यहां लोग काफी दूर-दूर से मनौती मांगने अाते हैं।
कहां पर हैं मंदिरः शहर के अंतिम छोर पर है। यह मंदिर रेलवे स्टेशन से करीब डेढ़ किलोमीटर और फर्रुखाबाद बस स्टाप से ढाई किलोमीटर दूर स्थित है।
2-मठिया देवी मंदिर
पुजारी विष्णु दयाल के मुताबिक यह मंदिर मुगल शासन से लोगों की अास्था का केंद्र रहा है। तमाम तरह के प्रयास के बाद भी जब ब्रिटिश अौर मुगल हुक्मरान इस मंदिर को नहीं हटा पाए तो उनका इस मंदिर पर अास्था बढ़ गई। कई मुगल शासक अौर ब्रिटिश अफसर इस मंदिर में मनौती मांगने के लिए अाया करते थे। नवरात्रि के समय यहां काफी भीड़ उमड़ती है।
कहां पर हैं मंदिर : फर्रुखाबाद स्टेशन से डेढ़ किलोमीटर की दूर स्थित है।
3-बढ़पुर देवी मंदिर
मंदिर के व्यवस्थापक भीमप्रकाश के मुताबिक इस मंदिर की ख्याति शीतला देवी मंदिर के नाम से है। मंदिर की स्थापना ढाई सौ वर्ष पूर्व हुई थी। बताया जाता है कि बढ़पुर में 250 साल पहले चेचक फैली थी तब गांव वालों को तालाब में एक देवी की मूर्ति मिली थी। इस मूर्ति की स्थापना के बाद से गांव में अाज तक किसी को चेचक नहीं हुई। इस प्राचीन मंदिर में मुहवैर और मुंडन भी होते हैं। नवरात्रि में यहां मेला लगता है जिसमें दूर-दूर से लोग अाते हैं।
कहां पर हैं मंदिर : मंदिर बढ़पुर में मुख्य मार्ग पर है। फर्रुखाबाद रोडवेज बस स्टाप से इसकी दूरी आधा किलोमीटर और रेलवे स्टेशन से ढाई किलोमीटर दूरी है।
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