कामयाब होने के लिए लगन, मेहनत, कमजोरियों को पहचानने आदि की वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा होती है। यह अग्नि तत्व, ऊर्जा और मन की मजबूती की दिशा है। इस दिशा में उससे संबंधित तत्वों के विरोधी तत्वों का इस्तेमाल करने से कामयाबी में विलंब होता है या बाधा आ सकती है। जैसे दक्षिण में जल रखना, नदी, नहर की पेंटिंग, चलते हुए पानी या लहरों का चित्र लगाना। इस तरह हम वहां की ऊर्जा को कम कर देते हैं या व्यर्थ कर देते हैं। ऐसे में आप चाहकर भी उतना ऊर्जावान महसूस नहीं कर पाएंगी। वास्तु के तत्वों में असंतुलन जब दक्षिण दिशा में होगा, तो कामयाबी भी प्रभावित होगी, इसलिए दक्षिण दिशा में जल या वैसी ही तस्वीरें ना लगाएं।