करीब चार सौ साल पहले देवप्रयाग श्रीनगर हाईवे पर बसे छोटे से गांव मलेथा के वीर माधो सिंह भंडारी के कारनामे आज भी उत्तराखंड के बच्चे-बच्चे की जुबां पर है।