‘शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मर मिटने वालों का बस यही अब बाकी निशान होगा।' एक तरफ गॉड ऑफ ऑनर तो दूसरी तरफ परिजनों की चीख-पुकार। गांवों में सन्नाटा है। सबकी आंखें नम है। गांव के बड़े बुजुर्ग एक दूसरे को ढ़ाढ़ंस बंधा रहे हैं। ये हाल है उरी हमले में शहीद जवानों के गांवों का। उरी हमले में शहीद जवानों के शव एक एक कर उनके घर पहुंच रहे हैं। मंगलवार को गया एयरपोर्ट पर शहीद सुनील कुमार विद्यार्थी का पार्थिव शव लाया गया। गया एयरपोर्ट पर उनकी पत्नी और बच्चे भी मौजूद थे। शहीद का शव देखते ही परिजन फफक कर रो पड़े।