बिहार पानी में तैर रहा है। शहरों में पानी, गांवों में पानी, सड़कों पर पानी, घरों में पानी, स्कूलों में पानी। हर तरफ पानी ही पानी। न रहने का ठिकाना न खाने का। बिहार की 79 लाख की आबादी बाढ़ से जूझ रही है। पर्यटनस्थली गया में एक बौद्ध भिक्षु ने थर्माकोल की नाव बनाकर जान बचाई। यहां के कई बौद्ध मठों में पानी भर गया है। पानी इतना है कि लोग पलायन को विवश है। यहां बारिश ने पिछले सात सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।रेल की पटरियां पानी में डूबी हैं . जलजमाव के कारण उड़ानें तक रद्द करनी पड़ रही है। मौसम विभाग की मानें तो हालात और भी बेकाबू होने वाले हैं और अगले 4 दिनों तक जोरदार बारिश के आसार हैं। यहां के स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
वहीं भागलपुर एवं आसपास के जिलों में बाढ़ के कारण अधिकतर फसलें बर्बाद हो गई हैं। इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। मुजफ्फरपुर, बेतिया में भी बारिश से बुरा हाल है।यहां की भी सड़कें जलमग्न हो गईं है।
राजधानी पटना भी बेहाल है। यहां भी सड़कों पर पानी भर गया है। कई इलाकों में रहवासियों का चलना दूभर हो गया है।