प्रयाग में बड़े हनुमान को नहलाने के बाद मां गंगा विदा हो गईं। करीब पंद्रह दिन तक गंगा की गोद में समाए पवनसुत की प्रतिमा जब मंगलवार को दिखने लगी तो दर्शन के लिए भीड़ जुट गई।