सारण की बेटी अनुभूति शांडिल्य उर्फ तिस्ता ने सोनपुर मेले में पहली बार स्वतंत्रता संग्राम के अमर योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह की गौरव गाथा प्रस्तुत कर कार्यक्रम को नई ऊंचाई दी। प्रस्तुत इन पक्तियों पर गौर करें-बाबू वीर कुंवर सिंह गांव के लोगन के नेवता देलें- रार कहावे के नेवता, चूड़ी फोड़वावे के नेवता, खून-भात खाये के नेवता, जेकर बैरी बच जाये आज ओकरा तलवार के धिक्कार, जे बिना मारे लौटे खड़के वाला तैयारी के धिक्कार, जेकर मोछवा नीचे झुके ओकरा सरदारी के धिक्कार, ने दर्शकों में जोश भर दिया। सोमवार की रात सूचना जन-सम्पर्क विभाग के मुख्य मंच पर अलग शैली यह गाथा शुरू हुई तो पूरा पंडाल तालियों से गूँज उठा।वैसे भी बाबू कुंवर सिंह और सोनपुर मेले का ऐतिहासिक संबंध रहा है, जब प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में इसी मेले में अंग्रेजों से लड़ने की योजना बनी थी।