कार्तिक पूर्णिमा पर मनी देवताओं की दीपावली। काशी में असंख्य दीपों ने गंगा दर्पण में शृंगार किया। ऐसा शृंगार जिसे देख नक्षत्र एवं तारों का तेज लजा उठा, देवगण मुग्ध हो उठे तो लाखों श्रद्धालुओं के हृदय तरंगें गंगा की लहरों की तरह मचल उठीं।