भइया के फोन दे ना, जल्द से पंप पर खुदरा भेज दे ना। बाजार के दुकान सब बंद है। खुदरा के लेल काफी देर से यहां बहुतों कस्टमर खड़ा है। स्थानीय पेट्रोल पंप के संचालक भोलू अपनी मोबाइल से घर के नौकर को यही कह रहे थे। बुधवार को सुबह करीब 7 बजे जब उनका पंप खुला तो तेल लेने वाला हर वाहन सवार तेल लेकर पांच सौ और हजार का नोट थमा रहा था।