सदर अस्पताल प्रशासन बेहतर इलाज के लाख दावे करे, लेकिन हकीकत उल्टी है। यहां जिंदा आदमी के साथ मुर्दों से बदतर सलूक होता है। ऐसा ही एक नजारा बुधवार को देखने को मिला।