टाटा-घाटशिला मार्ग पर बसा हिराचुनी गांव बोलने लगा है। उसने कहा-मैं हूं हिराचुनी। अब मुझसे बात करनी है तो मेल कीजिए। ज्यादा जरूरत हो तो मेरे नम्बर पर व्हाट्सएप भी कर सकते हैं। मेरे हर दरवाजे पर है मेरे डिजिटल होने का सबूत। मुझे देखना हो तो कुछ दिनों में फेसबुक पर भी मिल जाऊंगा।
इस गांव के हर घर के दरवाजे पर उस घर के मुखिया की नेमप्लेट लगाने की शुरुआत की गई। सबसे पहले ग्राम प्रधान देवाशीष महतो सहित पांच लोगों के घरों के बाहर नेमप्लेट लगाए गए हैं। इसमें इनके नाम के साथ ही इनका ईमेल आईडी और व्हाट्सएप नंबर भी है।
जमशेदपुर से जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी संजय कुमार पांच नेमप्लेट लेकर जब गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनका स्वागत ऐसे किया, जैसे कोई उनकी पहचान लेकर पहुंचा हो। ग्राम प्रधान देवाशीष महतो ने तपाक से कहा-बाहर से रिश्तेदार का फोन आया था। पूछा कि ऐसा क्या कर दिया है आपके हिराचुनी गांव ने कि मीडिया उसी का नाम ले रहा है। 60 घरों वाले इस गांव में 95% लोग साक्षर हैं। गांव के अधिकतर युवाओं के पास एंड्रॉयड फोन हैं। यहां फोरजी नेटवर्क आता है और लगभग 90% युवा इंटरनेट फ्रेंडली हैं।