आईआईटियंस मंगलवार को कक्षाएं छोड़कर सड़क पर आ गए और जीटी रोड पर जाम लगा दिया। सोमवार को आईआईटी कानपुर में पीएचडी छात्र की मौत हो गई थी जिसे लेकर छात्र आक्रोशित हैं। मृतक के भाई ने आईआईटी प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।
गाजीपुर के संत तुलसीदास कालोनी बंशीबाजार निवासी आलोक कुमार पांडेय (32) आईआईटी से मैटेरियल साइंस प्रोग्राम में पीएचडी कर रहा था। सोमवार दोपहर को मेस में खाना खाने के बाद हाथ में दर्द होने पर साथी छात्र पंकज के साथ हेल्थ सेंटर गया था। वहां डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया और ईसीजी करने के बाद कॉर्डियोलॉजी रेफर कर दिया। आलोक के दोस्त उसे लेकर कार्डियोलॉजी पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर पर सोमवार देर शाम से ही आईआईटियन्स ने हेल्थ सेंटर में हंगामा शुरू कर दिया थी। उन्होंने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। छात्र हेल्थ सेंटर के मेडिकल आफीसर डॉ. शैलेंद्र किशोर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग कर रहे थे।
सोमवार देर रात कानपुर पहुंचे आलोक के भाई आदर्श कुमार पांडेय ने तड़के कल्याणपुर थाने में हेल्थ सेंटर के डॉक्टर शैलेन्द्र किशोर, चिकित्सालय प्रशासन, वार्डेन और गाइड के खिलाफ गैर इऱादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई, इसके बाद पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। सुबह सारे आईआईटियंस क्लास छोड़ कर मुख्य रोड पर आ गए और नारेबाजी करते हुए जाम लगा दिया। छात्रों ने तीन मांगे रकी हैं, वह चाहते हैं एक एफआईआर आईआईटी प्रशासन दर्ज कराए, हेल्थ सेंटर के अफसर व डॉक्टर को निलम्बित किया जाए और मुकदमे का सारा खर्च आईआईटी प्रशासन उठाए।
पोस्टमार्टम में पहुंचे साथी आईआईटियंस ने देरी होने पर हंगामा किया। यहां पर भाई ने आलोक के उत्पीड़न का आरोप लगाया और सीबीआई जांच की मांग की। छात्रों की मांग पर मंत्रणा के लिए ईआईटी प्रशासन ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है, फिलहाल सारे छात्र सड़क पर हैं।