Mahabharata is written on palm leaves watch video

2018-02-16 7

जमशेदपुर से नब्बे किलोमीटर दूर है बहरागोड़ा। यहां एक गांव है गुहिया पाल, जहां रहते हैं आसित पांडा। इनके घर में इनके पुरखों की एक ऐसी विरासत है, जो बहरागोड़ा की समृद्ध शैक्षणिक संस्कृति को दर्शाती है। इनके पास इनके पुरखों द्वारा ताड़ के पत्तों पर पांच सौ साल पहले उड़िया में लिखी गई महाभारत आज भी सुरक्षित है।



आसित के पूर्वज पुरोहित थे और गांव-गांव में घूमकर ताड़ के पत्तों पर लिखी गई महाभारत पढ़कर लोगों को सुनाया करता था। राजा महाराजा के दरबार में भी इनके पूर्वज जाते थे और पूजा-पाठ करते थे। आसित अपने पूर्वजों की परंपरा जारी रखे हुए हैं। ये भी पुरोहित हैं। कोई अगर अनुरोध करता है तो आसित उसे अपने पूर्वजों द्वारा ताड़ के पत्तों पर लिखी गई महाभारत पढ़कर सुनाते हैं।

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