जीवन मुक्ति का अर्थ है इस शरीर में रहते हुए मोक्ष का अनुभव करना। संसार में परिवार के साथ रहते हुए मोक्ष का अनुभव करना संभव है, इसे पहले स्टेज का मोक्ष बोलते है। दूसरा और आखरी स्टेज है जब देह के सारे कर्म ख़त्म हो जाते है और नए कर्म बंधते नहीं। जब आत्मा देह से निकल जाता है और वापस नहीं आता, इसे निर्वाण कहते है।
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