There is a village in Hardoi district of UP, where the body trade with its own girls. Here the birth of girls is considered sinful. Chitralekha of Natpurwa village, now a social worker. It is said that this village has been bidding for its daughters for the last 400 years. In this village, girls' bids are used by none but their own. But now that the situation has changed, it is to say that village social worker Chitralekha says, "There was no marriage in the village, people did not know what marriage is like." In this village girls are forced to be forced into business.
यूपी के हरदोई जिले के एक गांव है जहां घर के अपने ही लड़कियों से देह-व्यापार कराते है। यहां लड़कियों का पैदा होना गुनाह माना जाता है। नटपुरवा गांव की चित्रलेखा का, जो अब एक समाज सेविका है। कहा जाता है कि इस गांव में पिछले 400 सालों से अपनी बेटियों की बोली लगाई जा रही है। इस गांव में लड़कियों की बोलियां और कोई नहीं बल्कि उनके अपनी ही लगाते हैं। लेकिन अब यहा कि स्थिति बदल गई है ये कहना है गांव की समाज सेविका चित्रलेखा का । चित्रलेखा का कहना है, ''गांव में शादी नहीं होती थी, लोग जानते ही नहीं थे कि शादी क्या होती है।'' इस गांव में लड़कियों को जबरन देह व्यापार में धकेला जाता है।