संत कबीर दास के दोहे गागर में सागर के समान हैं. उनका गूढ़ अर्थ समझ कर यदि कोई उन्हें अपने जीवन में उतारता है तो उसे निश्चय ही मन की शांति के साथ-साथ ईश्वर की प्राप्ति होगी. |Kabir Das Ji ke Dohe|.